Monday, August 16, 2010

रामायण vs predator

रविवार का दिन , सुबह ठीक 9 बजे मेरे दादी जी मेरे कमरे में आये
" काकू जल्दी टीवी on कर रामायण का समय हो गया । "
आँखें मलते हुए मैंने टीवी on किया और दादी जी का favorite serial रामायण शुरूदादी जी ने ज़मीन पर चटाई बिछाई (पता नहीं क्यों वह रामायण हमेशा चटाई पर बैठ कर ही देखते हैं । ) और उन्होंने हाथ जोड़ कर टीवी के साथ गायन शुरू कर दिया " श्री गुरु चरण सरोज रज , निजमन .......... ।

रामायण देखते हुए मैंने महसूस किया कि रामायण और आज कल कि sci-fi movies में ज्यादा फर्क नहीं हैअगर रामायण के पात्रों क़ी पौशाक और सवांद बदल दिए जाएँ तो यह भी english sci-fi movies Predator , war of the worlds , star wars कि श्रेणी में ही आएगी

हालाँकि मैं एक पूरी तरह से नास्तिक इंसान हुनास्तिक का यह मतलब नहीं कि मैं भगवान् के खिलाफ बोलता हु , मुझे बस ये लगता है कि भगवान् जैसी कोई चीज़ ही नहीं हैफिर भी मैंने रामायण , महाभारत पुरे देखे हैं और कुछ हद तक पढ़े भी हैंलेकिन मैं अभी तक ये n समझ पाया कि उस समय ऐसा क्या था जो आज नहीं है जिस से आप इतना प्रभावित हो गये और इन कहानियों के पात्रों को भगवान् समझने लगे

रावण सीता का अपहरण करके उसे अपने पुष्पक विमान में लेकर गया तो आज भी तो airplanes , helicopters हैं

जब द्रौपदी का चीर हरण हो रहा था तो क्या पता द्रौपदी के कान में bluetooth fit हो जिससे उसने कृषण को phone कर दिया और कृषण उसी समय अपने private jet में सवार होकर गया हो

महाभारत में कौरवों के पिता ध्रितराष्ट्र अंधे थेश्री कृषण ने उनके सेवक संजय को दिव्य दृष्टि दी थी ताकि वह महाभारत का युद्ध महल में ही देख कर उसका हाल ध्रितराष्ट्र को सुना सके
तो आज भी हम टीवी पर live प्रोग्राम देखते ही हैं । England , Australia में क्रिकेट मैच चल रहा होता है और हम घर बैठे उसका सीधा प्रसारण देखते हैं

उस समय श्री कृषण के पास ब्रहम अस्त्र था जिससे वह पूरी सृष्टि का विनाश कर सकते थे तो आज Obama के पास Nuclear power है

उस समय कर्ण के पास सुरक्षा कवच था तो आज भी high resistance life jackets होती हैं

उस समय दैवीय शक्ति कहते थे , आज technology कहते हैं

हम कहते हैं कि उस समय ऋषि मुनि दूर पहाड़ो जगलों में तप करते थे जिससे उन्हें दैवीय शक्ति ( वरदान ) मिलती थी
तो हो सकता है कि उन्होंने पहाड़ो जंगलो में अपनी labs बनाई हों जिसमें वो experiments करते थे और जैसे ही कोई नई discovery होती वो उसे वरदान कहने लगते

जब सीता का स्वयंवर हो रहा था तो क्या पता वो धनुष electromagnet से जोड़ा गया हो और उसका password सिर्फ श्री राम के पास हो या उन्होंने password hack किया हो

बल्कि आज technology ज्यादा विकसित हैउस समय तो यह शक्तियां सिर्फ राजा महाराजाओं के पास होती थी , आज mobile , TV , Internet , aeroplanes हर एक के पास हैं

लेकिन कुछ तो बात होगी के आप उन कहानियों के पात्रों में जिससे आप इतना प्रभावित हो गये और उन्हें इश्वर कहने लगेजवाब आप निचे दे सकते हैं ......... ।

- कपिल गर्ग

Thursday, August 12, 2010

देश चलाने के लिए न्यूनतम आयु - 75 वर्ष

post - member of parliament

qualification - 0

minimum age required - 75 years

कल शाम को घर आकर जब मैंने टीवी on किया तो news flash हो रही थी " भारत के रक्षा मंत्री ऐ. के. एंटोनी एक सभा के दौरान बेहोश"।
उसके बाद मैंने भारतीय नेताओं के बारे में थोडा शोध किया तो निम्न आंकड़े सामने आये ।
--भारत में 80% नेता 70 साल से ऊपर हैं और उन में से 50% नेता 80 साल से ऊपर हैं ।
--प्रधानमन्त्री -मनमोहन सिंह -75+ (दो बार byepass surgery हो चुकी है )
--राष्ट्रपति - प्रतिभा पाटिल - 80+
--गृह मंत्री - पी . चिदंबरम - 75+
--वित्त मंत्री - प्रणब मुखर्जी - 75+
--कृषि मंत्री शरद पवार - 75+ (लकवे का शिकार)
--पंजाब का मुख्यमंत्री - प्रकाश सिंह बदल - 80+(दोनों घुटनों का transplant हो चका है )
ऊपर लिखित सभी नेताओं के 32 के 32 दांत बदले जा चुके हैं ।
सूचि काफी लम्बी है सभी के नाम नहीं लिख सकता ।

हमारे देश में 60 वर्ष की आयु में व्यक्ति को रिटायर कर दिया जाता है क्योंकी इस आयु में दिम्माग की क्षमता काफी कम हो जाती है । दुसरे लफ्जों में कहू तो आदमी सठिया जात है । सठिया शब्द का अर्थ ही है - 60 से ऊपर । तो मैं ये सोच के हैरान हु के अपना देश चल कैसे रहा है ??

देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पहले रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर रहे , फिर देश के वित्तमंत्री और अब 75+ में देश के प्रधानमन्त्री । यार उनकी दो बार bypass surgery हो चुकी है तो उन्हें क्या ज़रूरत है देश चलाने की। उनको तो इस उम्र में घर पर A C चला के सोना चाहिए । देश में इतने नौजवान पढ़े लिखे युवा लोग हैं कोई क्यों नहीं संभालता देश की बागडोर ।

अब आप ही सोचो बैंक में एक clerk की नौकरी पाने के लिए पहले qualification criteria पास करना पड़ता है , फिर national level पर enterance test और फिर interview . उसके बाद एक clerk की नौकरी मिलती है । लेकिन यहाँ देश चलाने के लिए ना कोई qualification criteria न कोई test ।

मैं तो कहता हु के देश के ये बूढ़े नेता आज की युवा पीढ़ी को ही नहीं समझ सकते । आज technology अपने चरम पर है । mobile , internet , robotics , nanotechnology , automobile पिछले 10-20 वर्षो से पुरे बदल चुके हैं ।
एक छोटी सी उदाहरण देता हु आप मेंसे 50 % के माता - पिता mobile पे SMS type करके send भी नि कर सकते । तो अगर वो आज की technology नि समझ सकते तो युवा पीढ़ी की needs को कैसे समझेंगे जो धिन भर इस technology से घिरी रहती है ।

तो मैं आपसे यही कहूँगा के आप एक नौजवान , पढ़े लिखे को vote दें । अगर कोई भी candidate नौजवान , पढ़ा लिखा नहीं है तो आप खुद खड़े हो जाएँ । यह लोकतंत्र है और हर एक को election में खड़े होने का हक है और ऐसे ही देश का सुधार हो सकता है।


अंत में यही सोच रहा हु के क्या ये 80 साल के बूढ़े बदलेंगे देश का भविष्य जिनके खुद के भविष्य का पता नहीं ??? जवाब आप दीजिये !!!!!!!

- कपिल गर्ग




Monday, August 9, 2010

मेरे दोस्त के व्रत का सोलवां सोमवार

पिछले सोमवार मैं क्लास के लिए जा रहा था तो अचानक पीछे से आवाज़ "कपिल" । पीछे मुड के देखा तो मेरा दोस्त डिम्पल ।
"हेल्लो डिम्पल "
हेल्लो कपिल "
"सो कहाँ जा रहे हो ?"
"यार आज मेरा interview है "
"सो all prepared ??"
"हाँ आज मेरा सोलाह सोमवार का व्रत पूरा होना है । देखना कल से मैं आसमान की नयी उचाइयां छूने वाला हु "
मैंने पूछा "व्रत तो ठीक है , interview की तयारी की के नहीं ?"
डिम्पल ने जवाब दिया " यार अब तो सब कुछ ऊपर वाला ही करेगा । आखिर मैंने 16 सोमवार मेहनत की है । अच्छा यार... मैं चलता हु । interview के लिए देरी हो रही है । "
"अच्छा all the best "

उससे बात कर के ऐसा लगा कि अभी भी भारतीय सोच में बदलाव कि ज़रूरत है । व्रत रखने का सही कारण यह है कि हम पूरा हफ्ता उलटी-सीधी वस्तुएं खाते रहते हैं - पिज्जा , बर्गर ,तैलीय पदार्थ आदि जिससे हमारा अन्दर का system गड़बड़ा जाता है ।
तो हफ्ते में एक दिन खाना न खाकर सिर्फ फल आदि खाने से शारीर के अन्दर का सिस्टम balance हो जाता है । शारीर में cholestrol ki मात्रा स्थिर हों जाती है , ज़रूरी vitamins ,minerals पुरे हो जाते हैं । तो इससे शारीर स्वस्थ रहता है।
अब स्वस्थ तन में स्वस्थ मन का वास होता है । अब व्यक्ति का तन भी स्वस्थ है ,मन भी स्वस्थ है तो व्यक्ति जो काम करेगा पूरा लगन से करेगा , गलती कि कोई गुंजाईश ही नहीं है । तो व्यक्ति ने तरक्की तो अपने आप ही करनी है ।

गाँधी जी ने व्रत से तरक्की का कारण कुछ और बताया -
हमारे देश में 60% जनसँख्या गरीबी रेखा से निचे है । 20% को तो 2 वक्त कि रोटी भी नसीब नहीं होती । तो अगर बाकि कि 80% लोग हफ्ते में 1 दिन व्रत करें तो देश में खपत कम होगी और बची हुई 20% जनसँख्या की 4 दिन कि रोटी का बन्दों बसत अपने आप ही हो जायेगा। सो अब देश कि जनता स्वस्थ है तो देश तो तरक्की करेगा ही ।

सो इसमें कोई शक नहीं है के व्रत से सफलता मिलती है लेकिन लोगों कि यह धारणा गलत है कि व्रत से ऊपर वाला खुश हो जाता है जिससे हम सफल होते हैं ।

अगले दिन मैं डिम्पल से मिलने गया तो मुह फुलाए बैठा था ।
"क्या हुआ ?" मैंने पूछा ।
"यार मेरे 16 सोमवार कि मेहनत पर 1 बिल्ली ने पानी फेर दिया । कल interview के लिए जा रहा था तो 1 बिल्ली ने रास्ता काट लिया । इस अपशकुन कि वजह से interview clear ni कर पाय और नौकरी चली गयी । "


उसकी ये बात सुनकर तो यही सोच रहा हु कि कल ऐसा न हो कि मनमोहन सिंह अमेरिका से nuclear समझोते पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं और बिल्ली रास्ता काट जाये और सोम्झोते को 4 दिन के लिए स्थगित कर दिया जाये।
और इन्ही चार दिन में अगर अमेरिका पाकिस्तान से समझोता कर ले और हमें मिलनी वाली परमाणु उर्जा पाकिस्तान को मिल जाये पाकिस्तान हम से बड़ी शक्ति बन कर उभर आये ????

सो अगर भारतियों कि यही सोच रही तो एक बिल्ली ही न बदल दे भारत का भविष्य ।

आगे आप सोचें क्या क्या हो सकता है !!!!!

- कपिल गर्ग

Thursday, August 5, 2010

ATM के SECURITY GUARD की टाई

कल मैं एक भारतीय कंपनी के ATM से पैसे निकलवाने गया तो देखा के एक बुज़ुर्ग व्यक्ति जो उस ATM मशीन का SECURITY GUARD था चिलचिलाती धुप में बैठा थाउस बुज़ुर्ग व्यक्ति ने कंपनी की दी हुई वर्दी पहन रखी थी और शर्ट का उपरी बटन गले से सट कर बंद कर के उस पर टाई कसी हुई थी

अब मुझे ये नहीं समझ आया के चिलचिलाती गर्मी में उस टाई का क्या काम

ATM से पैसे निकलवाने के बाद मैं उस व्यक्ति के पास गया और पूछा " सर आपने ये टाई क्यों पहन रखी है ?" । तो उन्होंने जवाब दिया " अरे बेटा ये तो कंपनी की दी हुई हैकंपनी का कहना है के इस टाई से ही यह पहचान होती है के मैं इस कंपनी का एक मुलाजिम हु ।"

तब मुझे समझ आया के भारतियों को अंग्रेजो की नक़ल करने की बुरी आदत हैअरे यार उनके देश में तो कडकडाती ठण्ड होती हैवो शर्ट को उपरी बटन तक बंद करके टाई लगते हैं ताकि हवा किसी तरफ से उनके शरीर तक पहुँच पाएऔर हम भारतीय अंग्रेजो की नक़ल करके गर्मी में भी शान से टाई पहनते हैंवाह !!!

वो बेचारा बुज़ुर्ग SECURITY GUARD बार-बार अपनी उँगलियों को कॉलर औए गले के बीच फंसा कर किसी तरह हवा को अपने शरीर तक पहुँचाने की असफल कोशिश कर रहा था

अरे भाई जब तक आदमी आरामदायक महसूस नहीं करेगा तब तक वो ठीक ढंग से काम कैसे करेगाअगर वो आरामदायक नहीं है तो वो १००% कैसे दे सकता है कंपनी कोऔर ऐसे कंपनी कैसे कर सकती है तरक्की। ।

तो मैं ये कहता हु के अगर कंपनी को तरक्की करनी है तो उसे अपने मुलाज़िमो को भारतीय परिधान कुरता पायजामा पहनाना चाहिए । क्युकी इस से ज्यादा आरामदायक भारतीय परिधान शायद ही कोई होऔर इस से भारतीय संस्कृति भी झलकेगीऔर रही कंपनी की पहचान की बात तो वो कुरता पायजामा पे कंपनी का लोगो लगा के भी हो सकती है

अंत में मैंने उस बुज़ुर्ग SECURITY GUARD से पूछा के आपने कभी कंपनी को यह नहीं कहा के मैं टाई में अछा महसूस नहीं करतातो उसने कहा " अरे बेटा एक बार मैंने कंपनी को झूठ कहा के टाई खो गयी है तो कंपनी ने टाई और भिजवा दीदूसरी बार मैंने कहा के मैं इस टाई में अपने आप को जकड़ा हुआ महसूस करता हु तो कंपनी ने कहा के नौकरी छोड़ दो हम इस टाई में किसी और को जकड लेंगे लेकिन टाई तो रहेगी ही रहेगी

यार अगर कोई कंपनी टाई के बारे में इतनी गंभीर हो सकती है तो अब यही सोच रहा हु के कहीं यह टाई ही तो भारत की तरक्की होने का कारण तो नहीं ???? अब आप ही कोई जवाब दीजिये !!!


- कपिल गर्ग