Thursday, August 12, 2010

देश चलाने के लिए न्यूनतम आयु - 75 वर्ष

post - member of parliament

qualification - 0

minimum age required - 75 years

कल शाम को घर आकर जब मैंने टीवी on किया तो news flash हो रही थी " भारत के रक्षा मंत्री ऐ. के. एंटोनी एक सभा के दौरान बेहोश"।
उसके बाद मैंने भारतीय नेताओं के बारे में थोडा शोध किया तो निम्न आंकड़े सामने आये ।
--भारत में 80% नेता 70 साल से ऊपर हैं और उन में से 50% नेता 80 साल से ऊपर हैं ।
--प्रधानमन्त्री -मनमोहन सिंह -75+ (दो बार byepass surgery हो चुकी है )
--राष्ट्रपति - प्रतिभा पाटिल - 80+
--गृह मंत्री - पी . चिदंबरम - 75+
--वित्त मंत्री - प्रणब मुखर्जी - 75+
--कृषि मंत्री शरद पवार - 75+ (लकवे का शिकार)
--पंजाब का मुख्यमंत्री - प्रकाश सिंह बदल - 80+(दोनों घुटनों का transplant हो चका है )
ऊपर लिखित सभी नेताओं के 32 के 32 दांत बदले जा चुके हैं ।
सूचि काफी लम्बी है सभी के नाम नहीं लिख सकता ।

हमारे देश में 60 वर्ष की आयु में व्यक्ति को रिटायर कर दिया जाता है क्योंकी इस आयु में दिम्माग की क्षमता काफी कम हो जाती है । दुसरे लफ्जों में कहू तो आदमी सठिया जात है । सठिया शब्द का अर्थ ही है - 60 से ऊपर । तो मैं ये सोच के हैरान हु के अपना देश चल कैसे रहा है ??

देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पहले रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर रहे , फिर देश के वित्तमंत्री और अब 75+ में देश के प्रधानमन्त्री । यार उनकी दो बार bypass surgery हो चुकी है तो उन्हें क्या ज़रूरत है देश चलाने की। उनको तो इस उम्र में घर पर A C चला के सोना चाहिए । देश में इतने नौजवान पढ़े लिखे युवा लोग हैं कोई क्यों नहीं संभालता देश की बागडोर ।

अब आप ही सोचो बैंक में एक clerk की नौकरी पाने के लिए पहले qualification criteria पास करना पड़ता है , फिर national level पर enterance test और फिर interview . उसके बाद एक clerk की नौकरी मिलती है । लेकिन यहाँ देश चलाने के लिए ना कोई qualification criteria न कोई test ।

मैं तो कहता हु के देश के ये बूढ़े नेता आज की युवा पीढ़ी को ही नहीं समझ सकते । आज technology अपने चरम पर है । mobile , internet , robotics , nanotechnology , automobile पिछले 10-20 वर्षो से पुरे बदल चुके हैं ।
एक छोटी सी उदाहरण देता हु आप मेंसे 50 % के माता - पिता mobile पे SMS type करके send भी नि कर सकते । तो अगर वो आज की technology नि समझ सकते तो युवा पीढ़ी की needs को कैसे समझेंगे जो धिन भर इस technology से घिरी रहती है ।

तो मैं आपसे यही कहूँगा के आप एक नौजवान , पढ़े लिखे को vote दें । अगर कोई भी candidate नौजवान , पढ़ा लिखा नहीं है तो आप खुद खड़े हो जाएँ । यह लोकतंत्र है और हर एक को election में खड़े होने का हक है और ऐसे ही देश का सुधार हो सकता है।


अंत में यही सोच रहा हु के क्या ये 80 साल के बूढ़े बदलेंगे देश का भविष्य जिनके खुद के भविष्य का पता नहीं ??? जवाब आप दीजिये !!!!!!!

- कपिल गर्ग




3 comments:

  1. realy a gud thought....and ofcorse we indians need to give it a thought....but this is india..!! 100 yrs lg jate hai ek choti si cheez badalne mein....wat to do??

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  2. yaar ye tu desh ke liye likh raha hai ya khud ke liye agle election mein vote maang raha hai. HSA ke DR Kapil Garg jo ki ek yuva hai, unko vote do..........

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  3. yaar vo to university mein saare yuva hi hain ... main to desh ke liye hi likhta hu ...

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