Monday, August 9, 2010

मेरे दोस्त के व्रत का सोलवां सोमवार

पिछले सोमवार मैं क्लास के लिए जा रहा था तो अचानक पीछे से आवाज़ "कपिल" । पीछे मुड के देखा तो मेरा दोस्त डिम्पल ।
"हेल्लो डिम्पल "
हेल्लो कपिल "
"सो कहाँ जा रहे हो ?"
"यार आज मेरा interview है "
"सो all prepared ??"
"हाँ आज मेरा सोलाह सोमवार का व्रत पूरा होना है । देखना कल से मैं आसमान की नयी उचाइयां छूने वाला हु "
मैंने पूछा "व्रत तो ठीक है , interview की तयारी की के नहीं ?"
डिम्पल ने जवाब दिया " यार अब तो सब कुछ ऊपर वाला ही करेगा । आखिर मैंने 16 सोमवार मेहनत की है । अच्छा यार... मैं चलता हु । interview के लिए देरी हो रही है । "
"अच्छा all the best "

उससे बात कर के ऐसा लगा कि अभी भी भारतीय सोच में बदलाव कि ज़रूरत है । व्रत रखने का सही कारण यह है कि हम पूरा हफ्ता उलटी-सीधी वस्तुएं खाते रहते हैं - पिज्जा , बर्गर ,तैलीय पदार्थ आदि जिससे हमारा अन्दर का system गड़बड़ा जाता है ।
तो हफ्ते में एक दिन खाना न खाकर सिर्फ फल आदि खाने से शारीर के अन्दर का सिस्टम balance हो जाता है । शारीर में cholestrol ki मात्रा स्थिर हों जाती है , ज़रूरी vitamins ,minerals पुरे हो जाते हैं । तो इससे शारीर स्वस्थ रहता है।
अब स्वस्थ तन में स्वस्थ मन का वास होता है । अब व्यक्ति का तन भी स्वस्थ है ,मन भी स्वस्थ है तो व्यक्ति जो काम करेगा पूरा लगन से करेगा , गलती कि कोई गुंजाईश ही नहीं है । तो व्यक्ति ने तरक्की तो अपने आप ही करनी है ।

गाँधी जी ने व्रत से तरक्की का कारण कुछ और बताया -
हमारे देश में 60% जनसँख्या गरीबी रेखा से निचे है । 20% को तो 2 वक्त कि रोटी भी नसीब नहीं होती । तो अगर बाकि कि 80% लोग हफ्ते में 1 दिन व्रत करें तो देश में खपत कम होगी और बची हुई 20% जनसँख्या की 4 दिन कि रोटी का बन्दों बसत अपने आप ही हो जायेगा। सो अब देश कि जनता स्वस्थ है तो देश तो तरक्की करेगा ही ।

सो इसमें कोई शक नहीं है के व्रत से सफलता मिलती है लेकिन लोगों कि यह धारणा गलत है कि व्रत से ऊपर वाला खुश हो जाता है जिससे हम सफल होते हैं ।

अगले दिन मैं डिम्पल से मिलने गया तो मुह फुलाए बैठा था ।
"क्या हुआ ?" मैंने पूछा ।
"यार मेरे 16 सोमवार कि मेहनत पर 1 बिल्ली ने पानी फेर दिया । कल interview के लिए जा रहा था तो 1 बिल्ली ने रास्ता काट लिया । इस अपशकुन कि वजह से interview clear ni कर पाय और नौकरी चली गयी । "


उसकी ये बात सुनकर तो यही सोच रहा हु कि कल ऐसा न हो कि मनमोहन सिंह अमेरिका से nuclear समझोते पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं और बिल्ली रास्ता काट जाये और सोम्झोते को 4 दिन के लिए स्थगित कर दिया जाये।
और इन्ही चार दिन में अगर अमेरिका पाकिस्तान से समझोता कर ले और हमें मिलनी वाली परमाणु उर्जा पाकिस्तान को मिल जाये पाकिस्तान हम से बड़ी शक्ति बन कर उभर आये ????

सो अगर भारतियों कि यही सोच रही तो एक बिल्ली ही न बदल दे भारत का भविष्य ।

आगे आप सोचें क्या क्या हो सकता है !!!!!

- कपिल गर्ग

6 comments:

  1. desh ka future billi nahi, tum barbaad karne wale ho kapil, plz plz kahani likhte samay dimag use kar liya karo mere dost, aisi kahani likhne se tumhari jaan ke kai dushman ban jayenge, jismein ek main bhi ho sakta hun. hahahahaha hehehehehe

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  2. bai khulla challenge hai jab marzi aa jana

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  3. o great yar.....baat kaha se kaha pohaCH JATI HAI.....LOLZZZ...BT ITS GUD....

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  4. Superstitious explanation of fasting or religious fasting in particular and its benefits is not acceptable to today’s scientific and rationale minds. Yes, there are some benefits of fasting once in a week or so. It is a scientifically proved generalization, but it need not necessarily be beneficial for everyone as it depends upon one’s health, age, and biological needs etc. When you give example of fasting as a hypothetical means of fighting hunger in India, Kapil, you must not forget Lal Bahadur Shastri ji, another leader who advocated such thought. Keep writing...

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