Thursday, August 5, 2010

ATM के SECURITY GUARD की टाई

कल मैं एक भारतीय कंपनी के ATM से पैसे निकलवाने गया तो देखा के एक बुज़ुर्ग व्यक्ति जो उस ATM मशीन का SECURITY GUARD था चिलचिलाती धुप में बैठा थाउस बुज़ुर्ग व्यक्ति ने कंपनी की दी हुई वर्दी पहन रखी थी और शर्ट का उपरी बटन गले से सट कर बंद कर के उस पर टाई कसी हुई थी

अब मुझे ये नहीं समझ आया के चिलचिलाती गर्मी में उस टाई का क्या काम

ATM से पैसे निकलवाने के बाद मैं उस व्यक्ति के पास गया और पूछा " सर आपने ये टाई क्यों पहन रखी है ?" । तो उन्होंने जवाब दिया " अरे बेटा ये तो कंपनी की दी हुई हैकंपनी का कहना है के इस टाई से ही यह पहचान होती है के मैं इस कंपनी का एक मुलाजिम हु ।"

तब मुझे समझ आया के भारतियों को अंग्रेजो की नक़ल करने की बुरी आदत हैअरे यार उनके देश में तो कडकडाती ठण्ड होती हैवो शर्ट को उपरी बटन तक बंद करके टाई लगते हैं ताकि हवा किसी तरफ से उनके शरीर तक पहुँच पाएऔर हम भारतीय अंग्रेजो की नक़ल करके गर्मी में भी शान से टाई पहनते हैंवाह !!!

वो बेचारा बुज़ुर्ग SECURITY GUARD बार-बार अपनी उँगलियों को कॉलर औए गले के बीच फंसा कर किसी तरह हवा को अपने शरीर तक पहुँचाने की असफल कोशिश कर रहा था

अरे भाई जब तक आदमी आरामदायक महसूस नहीं करेगा तब तक वो ठीक ढंग से काम कैसे करेगाअगर वो आरामदायक नहीं है तो वो १००% कैसे दे सकता है कंपनी कोऔर ऐसे कंपनी कैसे कर सकती है तरक्की। ।

तो मैं ये कहता हु के अगर कंपनी को तरक्की करनी है तो उसे अपने मुलाज़िमो को भारतीय परिधान कुरता पायजामा पहनाना चाहिए । क्युकी इस से ज्यादा आरामदायक भारतीय परिधान शायद ही कोई होऔर इस से भारतीय संस्कृति भी झलकेगीऔर रही कंपनी की पहचान की बात तो वो कुरता पायजामा पे कंपनी का लोगो लगा के भी हो सकती है

अंत में मैंने उस बुज़ुर्ग SECURITY GUARD से पूछा के आपने कभी कंपनी को यह नहीं कहा के मैं टाई में अछा महसूस नहीं करतातो उसने कहा " अरे बेटा एक बार मैंने कंपनी को झूठ कहा के टाई खो गयी है तो कंपनी ने टाई और भिजवा दीदूसरी बार मैंने कहा के मैं इस टाई में अपने आप को जकड़ा हुआ महसूस करता हु तो कंपनी ने कहा के नौकरी छोड़ दो हम इस टाई में किसी और को जकड लेंगे लेकिन टाई तो रहेगी ही रहेगी

यार अगर कोई कंपनी टाई के बारे में इतनी गंभीर हो सकती है तो अब यही सोच रहा हु के कहीं यह टाई ही तो भारत की तरक्की होने का कारण तो नहीं ???? अब आप ही कोई जवाब दीजिये !!!


- कपिल गर्ग



9 comments:

  1. a great thinker, critic and aware of nation's prosperity..

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  2. KAPIL, PLEASE DON'T USE AN ATM CARD, GO TO BRANCH FOR YOUR TRANSACTIONS. AND ALL YOUR PROBLEMS WILL BE SOLVED. SAY THANKS TO ME AFTER READING THIS.

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  3. Really Kapil...dat was SIMPLY GREAT..!!
    if to such simple things, given a deep thinking...for sure it can bring a big change in nation's properity.....keep writing...
    ALL THE BEST.... (geetanjali nagpal)

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  4. thanx yaar vikram.....but this was not just for that ATM guard..this was for all indians that work in MNCs n wear tie even in summer...
    don't worry this was just beginning...be ready for more interesting indian facts ....
    Kapil Garg

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  5. its true kapil...n m really happy dat anyone has givn a thought 2 it.....i think all of us must think in dis way.....may b it is just a small issue bt aftr resolving small issue v cn move 2wards d bigger one..
    gr8 job....!
    all d bst...!

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  6. its not mandatory to wear any specific type of clothes, its 100% ur wish. The deal is simple if u want the job u have to agree to ur employeer's conditions, if your employer wants u, he will agree to all your conditions. remember 1 thing don't blame any one for ur current state, u ur self is responsible for d same, desh badlna hai to pehle khud ko badlo, nahi to jo jaisa chal raha hai chalne do. tie se pehle, language pe dhyan do, hindi hamari national language hai, promote it, aaj hum sab english bol ke khud ko educated show karne ki daud mein rehte hai, khud mughe bhi hindi acche se nahi aati. humne apni apni regional language bana li hai, khud ko alag alag hisson mein tod liya hai, south mein to sirf regional language chalti hai ya english. aise desh ka kuch nahi ho sakta. pehle khud ko badlo, desh khud sahi ho jayega.

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  7. thancks yaar kavita ..........
    n vikram .. yaar main india ko promote ni kar rha .....main to india ko trakki ki raah par lana chahta hu

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  8. बहुत हीं सुन्दर विश्लेषण। विक्रम भाई से एक बात कहना चाहता हूँ। उस ATM का गार्ड अगर कोई दूसरी नौकरी ढ़ूँढ़ सकता तो जरूर चला जाता इस जकड़न को छोड़ कर। ये तो पेट की आग है जो उसे सूरज की आग झेलने को मज़बूर कर रही है ।
    हँसी आती है उन लोगों पर जो टाई पहन कर या टाई पहननेवालों को तीसमारखाँ समझते हैं। उन्होंने शायद दिमाग नाम की चीज़ और व्यवहार नाम की चीज़ के बारे मे नहीं सुना जिसके दुरूस्त होने से कोई भी तीसमारखाँ बन सकता है। उदाहरण कई हैं: रामानुजम, शास्त्री इत्यादि ।
    kutariyar.blogspot.com

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  9. हमारे देश मे SECURITY SKILLS COUNCIL OF INDIA है लेकिन न तो उसने बर्दी का कोई नियम बनाया और न ही SECURITY AGENCY को बर्दी का कोई मापदन्ड दिया, यह हमारे देश का सबसे बडा दुर्भाग्य है कि नियम तो बनते है पर लागू नही होते

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